बारिश के बहाने दोस्त की पत्नी की मारी चूत, फिर करने लगी लंड की सवारी

Edited by Super Admin, Updated: 05 Dec, 2024 06:35 AM (IST)

दोस्त की पत्नी माल थी। उसकी सेक्सी बाॅडी ने मेरा सिस्टम हिलाकर रख दिया था। मैंने जिस तरीके से उसे चोदा, उसके बारे में जानकर आप भी अपने दोस्त की पत्नी को ठोकने के लिए तैयार हो जाओगे। नमस्कार, मेरा नाम सचिन है। मैं www.menskamasutara.com पर पहली बार अपनी सेक्स लाइफ से जुड़ी रोमांचक बात बताने जा रहा हूं। 

मेरी उम्र अभी 30 साल है। मेरी लम्बाई 5 फुट और 9 इंच है। मेरे लंड की लंबाई भी 7 इंच तक है और दिखने में इतना सुंदर तो नहीं हूं, लेकिन किसी की आग बुझाने के लिए मेरा लंड महान है। मैं एक कंपनी में काम करता हूं। मैं आपको उस दिन की बात सुनाने जा रहा हूं, जब मुझे ऑफिस की एक फाइल देने अपने सहकर्मी के घर जाना था। पर रास्ते में जाते टाइम उसने बताया कि वो जरूरी काम से बाहर जा रहा है। अब फाइल मुझे उसकी पत्नी को देनी थी, जिसका नाम सोहाना। पर क्या पता था दोस्तो फाइल के बहाने मैं सहकर्मी की पत्नी को डाॅगी स्टाइल में ठोक कर आऊंगा। जैसे ही मैंने उसके घर पहुंच कर जैसे ही घर की बेल बजाई, तभी उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला। 

मुझे आज भी याद है दोस्तों वो पहली मुलाकात... उसकी बीवी को तो मैं देखता ही रह गया। उसने लाल साड़ी पहनी हुई थी और सफेद रंग का ब्लाऊज पहना हुआ था। उसकी चूचियां साफ–साफ दिख रही थी, जिसकी वजह से एक लकीर सी उसके सीने पर दिख रही थी। उसकी कमर को देख मेरा लंड खड़ा हो गया था, पर हाथ में फाइल होने की वजह से उसे मेरा लंड दिख नहीं रहा था। उसे देख कर मेरे अंदर उसके प्रति गंदे विचार आने लगे। मैंने सोचा कि आज मैं अपने लन्ड को कुछ मजा देकर ही रहूंगा। फिर उसने मुझे अंदर बुलाया। वो चाय लेकर आई और बोली- आज मेरे पति को किसी काम से बाहर जाना पड़ गया है और इस वजह से ही वो फाइल नहीं ले पाए आप से! मैंने कहा उससे- कोई बात नहीं। फिर मैंने कहा- आज मैंने आपको पहली बार देखा है भाभी जी! उसने कहा- ओह...फिर तो अब आपका आना-जाना रोज ही लगा रहेगा। और हम दोनों हंस पड़े। 

मैंने उसको फाइल देने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया। उसकी तरफ से कोई रिएक्शन न मिला। फिर मैंने सोचा कि लगता आज मैं उसको नहीं चोद पाऊंगा जब मैं लौटने लगा तभी मैंने बाहर देखा तो बाहर बारिश लगी थी। उसने मुझे कहा- आप थोड़ी देर और रुक जाएं। मैंने सोचा कि अभी मेरे पास एक और मौका है। फिर मैं रुक गया। उसने बालकनी में डले कपड़े उतारने चली गई। उसी टाइम उसने मुझे बालकनी में बुलाया और कहा कि मैं उसकी कपड़े उतारने में मदद करूं क्योंकि बारिश की वजह से कपड़े गीले हो रहे थे। हम दोनों गीले हो गए थे। उसकी मस्त गांड के साथ-साथ चूचे भी साफ दिखने लगे। उसके मम्मे दबाने का मन बहुत कर रहा था। पर मैंने अपने आप को रोका और सही समय का इंतज़ार किया। उसके बाद वो कपड़े रखने लगी। इसके बाद वो गीली साड़ी बदलने चली गई और यही वो सही मौका था। फिर मैंने जब दरवाजे खोल के अंदर देखा तो वह नंगी थी। मैं जानबूझकर अंदर चला गया। उसने मुझे देख कर तुरंत ही अपने सीने को साड़ी के पल्लू से छुपा लिया और बोली- आप अंदर कैसे आ गये? मैं बोला- मैंने सोचा आपकी साड़ी उतारने में मदद कर दूं। वो गुस्से में आकर बोली- तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई। फिर मैंने जाकर उसे पकड़ लिया और बोला- गुस्से में तुम और भी खूबसूरत दिखती हो। और वो शर्मा गई और अपने आप को मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी। 

लेकिन दोस्तों... मैं कहां छोड़ने वाला था और अपना सख्त लंड उसकी गांड पर लगा दिया वो थोड़ा झटपटायी और बोली- कुछ छू रहा है तेरा! मैं बोला- अभी तो बस छुआ है, फिर तो अंदर जाता भी महसूस होगा। वो मेरा इशारा समझ गई और समझ गई यह मेरी आज लेकर ही रहेगा। मैंने अपने हाथ से उसका मुंह उठाया और किस करने लगा। उसे करीब 15 मिनट तक मैंने चूमा। फिर मैंने उसके मम्मे दबाए। 

वो सिसकारियां भरने लगी- आह … आ … क्या कर रहे हो? फिर उसकी कमर पर मैंने एक चुटकी काट ली। 

वो चिल्लायी- उफ … आउच! मैं बोला- आज तुझे मैं जन्नत की सैर कराऊंगा। वो बोली- मेरे पति का लंड तो छोटा है और मुझे बिल्कुल मजा नहीं आता है। 

फिर मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और भूखे शेर की तरह उसे चूमने लगा। मैंने उसकी एक चूची मसलना शुरू की। जब मैं उसकी ब्रा खोलने लगा तभी वो मना करने लगी और बोली- क्या कर रहे हो? मैं बोला- आज तो मैं लेकर ही रहूंगा। फिर उसकी ब्रा मैंने अलग की और उसकी दोनों चूचियों दबाना और चूसना चालू कर दिया। 

मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और अपना लन्ड चड्डी के बाहर निकाला और उसके अंदर घुसाने लगा। पहली बार में एक जोर का धक्का मारा और मेरा लंड करीब दो इंच अंदर डाल दिया। वो बोली- आह … आह … इतना बड़ा है आपका। फिर एक और बार घुसाने पर मेरा लन्ड पूरा अंदर चला गया और उसे चोदना शुरू कर दिया। “आह … आ … ओह … धीरे करो न!” 

पूरे कमरे में उसकी चिल्लाने की आवाज आने लगी। मैंने उसे पोजिशन बदलने को कहा। वह घोड़ी बन गई। घोड़ी चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था और इसी वजह से मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुंह पर ही झाड़ दिया। लेकिन जो फिर सोहोना ने किया उसने मुझे जन्नत दिखा दी। वो खड़ी हुई और मुझे बेड पर बैठा दिया और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी। मैंने भी उसके बाल पकड़ लिए और अपना लन्ड उसे चुसाने लगा। हम दोनों ने फिर ऐसे ही पूरी रात ताबड़तोड़ चुदाई करी।

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